The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
The Basic Principles Of वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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इस साधना का कोई विधान नहीं है बल्कि इसे पूजा पाठ में शामिल किया जाता है.
ॐ नमो गुड़, गुड़ रे तूं गुड़, गुड़ तामड़ा मसान केलिकरंताजा, उसका देग उमा सब हर्ष हमारी आस खसम को देखे जलै बसे। हमको देवै साकि रुचलै चालि चालि रे कालिका के पूत जोगी संगम और अवधूत सोती होय जगाय लाव, न लावै तो माता कालिका की शय्या पर पांव घरै। शब्द सांचा पिण्ड कांचा, फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप कर सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार जाप करके उसे अभिमंत्रित करें। फिर उस पुष्प को जिस भी स्त्री पर फेंका जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।
कहने का तात्पर्य यह है कि जैसा कार्य हो वैसा ही शक्ति का उपयोग किया जाता है। वे समस्त शक्तियां ईश्वर पूर्ण ब्रह्म की हैं और पूर्व की समता में उसके किसी अंश पर अधिकार पा सकना सहज साध्य है । अतएव मन्त्रों के आचार्यों ने ईश्वर की विभिन्न शक्तियों के ही मन्त्र बनाए हैं। मूर्ख ब्राह्मण के नाम पर बनाये गए मन्त्रों द्वारा सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को जीत कर उसी की प्राप्ति की जा सकती है तदर्थ बहन छोटे मोटे कार्यों के लिये प्रयुक्त करना आवश्यक नहीं समझा जाता। किसी प्रयोग या क्रिया का जो नियम निर्धारित किया गया है, उसे मित्र कहते हैं ।
इस प्रकार अगले सात दिनों तक लगातार पूजा और जप करें। इस पूजा के लिए लाल आसन पर बैठें और खुद भी लाल वस्त्र पहनें।
राजहंस का स्वतः गिरा हुआ पंख, कोचनी का पुष्प एवं सफेद गाय का दूध- इन सबको मिलाकर खीर बनाएं। फिर उपर्युक्त मन्त्र द्वारा खीर की एक सौ आठ आहुतियाँ दें। इससे मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। प्रयोग के समय नित्य ग्यारह दिनों तक इसी मन्त्र का एक सौ जप करके इच्छित स्त्री या पुरुष का ध्यान करें। जिसका भी ध्यान किया जाएगा, वह वश में हो जाएगा।
टूटे रिश्तों को सुधारने और मजबूत करने के लिए।
ऊं नमो भगवते कामदेवाय, यस्य यस्य दृश्यो भवामि, यश्च यश्च मम मुखम पछ्यति तत मोहयतु स्वाहा”
रक्त से सुशोभित देवी कामाख्या की दो भुजाएँ हैं और माथे पर सिन्दूर का तिलक है। वह चंद्रमा के समान उज्ज्वल और कमल के समान सुंदर है। रत्न आभूषण उनके शरीर की click here शोभा बढ़ाते हैं। वह रत्नों और माणिकों से जड़े सिंहासन पर विराजमान हैं। उन्नत पयोधर वाली देवी कामाख्या मंद-मंद मुस्कुरा रही हैं। श्यामवर्ण देवी सुन्दर नेत्रों वाली त्रिनेत्रा हैं। वह अनेक ज्ञान से घिरी हुई है। उसके पास डाकिनी-शाकिनी बंधी हुई हैं। हीरोइनें हाथों में तंबू लिए खड़ी हैं.
बगलामुखी देवी को दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या माना जाता है. इनकी पूजा शत्रु विजय, वाक् शक्ति, मनोकामना पूर्ति, विवादों में सफलता और कानूनी मामलों में विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है. कई लोग मानते हैं कि बगलामुखी पूजा से वशीकरण भी किया जा सकता है.
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साधक का जो तेज इस साधना के दौरान बनता है वह सब पर अलग प्रभाव छोड़ता है. आइये जानते है मोहिनी वशीकरण साधना के बारे में.
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